करोड़ों का बकाया बिल, पीएचई ठेकेदारों ने खोला मोर्चा, छह महीने से नहीं हुआ है भुगतान, नामी ठेकेदारों ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन


रायगढ़ । केंद्र सरकार की महती योजना जल जीवन मिशन अब पटरी से उतरने लगी है। ठेकेदारों ने भुगतान नहीं होने के कारण काम बंद करने की चेतावनी देते हुए कलेक्टर को आवेदन दिया है। सोमवार को कई ठेकेदार कलेक्टोरेट पहुंचे। केंद्र सरकार ने गांव के हर घर तक पीने का साफ पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। इस योजना में केंद्र की भागीदारी 60 प्रश और राज्य शासन की 40 प्रश है। सोमवार को चुनिंदा ठेकेदारों ने कलेक्टर को भुगतान नहीं होने को लेकर शिकायत की है।उनका कहना है कि पिछले छह महीने से फर्म को एक रुपए भी भुगतान नहीं हुआ है। विभाग रोज नए नियम लागू कर रहा है। कार्य पूरा होने के बाद सरपंच हैंडओवर नहीं ले रहा है। काम का फाइनल बिल भी नहीं हो पा रहा है। सरपंच के ऊपर प्रशासन का कोई दबाव ही नहीं है। उनका कहना है कि ऐसे तो काम करना मुश्किल हो जाएगा। रनिंग बिल का भुगतान होता था तो काम चलते रहता था। अब काम पूरा हो गया है तो फाइनल बिल होना चाहिए, लेकिन हैंडओवर में पेंच फंस रहा है। 23 फर्मों के संचालकों ने कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर ऋषा ठाकुर को ज्ञापन दिया है। ठेकेदारों में बजरंग अग्रवाल, रामअवतार अग्रवाल, धनंजय कुमार, सरस गोयल, ओम कंस्ट्रक्शन, पारस इंटरप्राइजेस आदि शामिल थे।बिल पास होने के पहले समीक्षा
सूत्रों के मुताबिक मौजूदा सरकार ने पूर्व की सरकार के कार्यकाल में हुए कामोंं की गहराई से समीक्षा करने का निर्णय लिया है। जल जीवन मिशन के टेंडर को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बवाल भी हुआ था। इसलिए फाइनल बिल के पूर्व सरकार कई लेवल पर तस्दीक करना चाहती है।