LATEST NEWS…. कुम्हीचुआं पंचायत में बिरहोर जनजातियों का एक साल में ही टूट फूट कर जीर्ण शीर्ण हो गया पीएम आवास मकान।पंचायत के जिम्मेदारों की मिलीभगत से ठेकेदार ने दिया भ्रष्टाचार को अंजाम।मीडिया में छलका बिरहोर जनजाति का दर्द…देखिए वीडियो…
धरमजयगढ़ मांड प्रवाह:पंचायत में बनने वाले जो भी प्रधानमंत्री आवास ठेकेदार या पंचायत द्वारा बनाया गया है, वह सभी मकान एक बरसात भी नहीं काट पा रहे हैं। मकानों की स्थिति ऐसा है कि मानो बकरी कोठार बना दिया गया हो।हालत कुछ ऐसा है कि बरसात में लोग घर में रहने से डर रहे हैं।छत फट गया है पानी भी बहुत टपक रहा है,आवास की दिवारें फट कर फैल गई है।
ऐसा ही हाल ग्राम पंचायत कुम्हीचुआं पंचायत में निवासरत बिरहोर जनजाति के बस्ती का है, इस पंचायत में निवासरत बिरहोर जनजाति पहाड़ी में निवास करते हैं मगर प्रशासन ने इनकी जिवन स्तर में सुधार के लिए इन जनजातियों को पहाड़ी से नीचे लाकर एक बस्ती बना कर बसाने का प्रयास किया है।
मगर इनके सर पर जो छत शाशन के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है। सरपंच की उदासीनता एवं लाभ कमाने की कुत्सित मानसिकता वाला गलत इरादा इन जनजातियों को खुन के आंसु रुला रहा है।बता दें भारी बरसात में इनके छत टुट रहे है। दिवारें फट गई है।पूरा कमरा पानी से भर गया है, घर के अंदर रत्ती भर भी जगह नहीं है जहां लोग चैन से बैठ सके।सोना तो भारी नामुमकिन है।
अब ऐसे में सवाल यह है कि सरपंच ऐसे ठेकेदार से काम क्यों ले रहा है,क्या गुणवत्ता युक्त कार्य करवाना सरपंच कि जिम्मेदारी नहीं है। इन मायनो में यहां सवाल उठना लाजिमी है की,कहीं कमीशनखोरी इन स्तरहीन कार्यों का कारण तो नहीं।
कौन करता है ऐसे कार्यो का मूल्यांकन,कौन करता है जियो टेग क्या ये सभी पदाधिकारी सिधे तौर से इन स्तरहीन कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं हैॽ?ये एक बड़ा सवाल है।
यहां देखें वीडियो,मीडिया मेंअपना दर्द बयान करते हुए बिरहोर जनजाति परिवार…👇👇👇