CORRUPTION.NEWS भ्रष्टाचार की बड़ी इबारत: ग्राम तोलगे को बेंच खाने की साजिश…सरपंच सचिव और ठेकेदार द्वारा भरी भ्रष्टाचार को दिया जा रहा अंजाम…!पढ़िए खबर।

रियपोर्टर:राकेश जायसवाल….✍️
धर्मजयगढ़/लैलूंगा मांड प्रवाह: कहते हैं “एक ही उल्लू काफी है गुलिस्तां को बर्बाद करने के लिए ,यहां तो हर शाख पर उल्लू बैठे हैं,खुदा जाने अंजामें गुलिस्तां क्या होगा?”कुछ इसी तर्ज पर इन दिनों लैलूंगा जनपद क्षेत्र के ग्राम तोलगे में भयानक भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है,दरअसल लैलूंगा तोलगे ग्राम वासियों के द्वारा कलेक्टर को एक पत्र लिखा गया है,जिसमें उनके द्वारा भारी भ्रष्टाचार का शिकायत किया गया है, इस भ्रष्टाचार में लिखित रूप से सरपंच सचिव और ठेकेदार शामिल है।

पत्र के अनुसार इतना ज्यादा भ्रष्टाचार किसी भी गांव में नहीं हुआ होगा जितना तोलगे ग्राम में 5 वर्षों में हुआ है ग्रामीणों का मुख्य रूप से कहना है कि आज तक बोर खनन तालाब खनन भवन निर्माण जैसे कार्य या तो हुए नहीं है यह हुए हैं तो अधूरे रूप से हुए हैं जिसकी मिली भगत सचिन से लेकर ठेकेदार तक है ग्राम वासियों को कहना है कि उनकी इस करतूत से ग्राम वासियों और आसपास के बाकी ग्रामों पर भी असर हो रहा है।

तोलगे में भ्रष्टाचार का फ्री फायर गेम….
5 वर्षों में इतना भ्रष्टाचार हुआ है की तोलगे भ्रष्टाचार का फ्री फायर के मैदान बना दिया गया है इसमें सचिव सरपंच और ठेकेदारों की काली करते हुए दिखाई जा रही है सरपंच प्रस्ताव बनाकर सचिन को देता है जब काम का सफल प्रस्ताव बन जाता है तो ठेकेदार उसको मन मुताबिक और गिट्टी बालू सीमेंट जैसे वस्तुओं को घटिया इस्तेमाल कर गांव में बने भावनाओं का निर्माण या स्टेप डाउन का निर्माण बहुत ही घटिया रूप से ठेकेदार सचिव और सरपंच के द्वारा किया जा रहा है इन तीनों के नाम से एक गेम भ्रष्टाचार गेम बन जाना चाहिए।

और कितना भ्रष्टाचार उजागर होगा…
किसी एक मोहल्ले के द्वारा भ्रष्टाचार को उजागर किया है गांव वालों के द्वारा यदि जांच कमेटी बैठाया जाए कलेक्टर के द्वारा तो और बहुत सारे भ्रष्टाचार उत्पन्न हो सकते हैं यहां सिर्फ एक आवेदन था जो किसी एक के द्वारा हिम्मत करके आवेदन डाला गया था खैर यहां तो जांच का विषय है इसमें सरकारी अधिकारी और कलेक्टर के द्वारा नियुक्त कमेटी के द्वारा जांच होगा तब इसका दूध का दूध और पानी का पानी होगा।

भ्रष्टाचार करने का तरीका….
सरपंच सचिव और ठेकेदार के द्वारा शुव्यवस्स्थित रूप से भ्रष्टाचार किया जा रहे हैं, उनके भ्रष्टाचार के तरीकों में कोई भी अधिकारी समझ नहीं पता कि भ्रष्टाचार कहां पर हो रहा है यदि उन तक शिकायत न पहुंचे क्योंकि पंचायती व्यवस्था एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें न्याय तुरंत हो जाता है और इसके अंदर अजीब व्यवस्था होती है तो इसमें सरकारी कर्मचारी भी गांव पर असर नहीं डाल सकते।
सबसे पहले पंचायत में एक प्रस्ताव बनाया जाता है, जिसमें एक समस्या को किसी के द्वारा दिया जाता है, और उसका एक प्रस्ताव पंच सरपंच और सचिव के द्वारा एक ठेकेदार के कहने पर काम को लाया जाता है ग्राम में और उसको ठेकेदार के द्वारा कार्य किया जाता है और इसकी जांच सचिन के कंट्रोल में होती है क्योंकि पंचायती व्यवस्था एक अलग रूप में चलती है जिसमें सचिन पूर्ण कंट्रोल ठेकेदार को दे देता है और सामग्रियों का एकदम निम्न क्वालिटी का उपयोग किया जाता है जैसे मिट्टी युक्त बालू नाले में बा रहेगी टी या जो स्थानीय बाल होते हैं उनका उपयोग किया जाता है जो उसे पैमाने पर नहीं होते जो सरकार के मास्टर रोल के अनुसार होते हैं उनमें हर सामग्रियों में 1000 से 1500बचत करके लाखों रुपए तक की गपत कर लिए जाता है।
क्योंकि इसकी सुनवाई कोई नहीं करता शामिल होने के कारण इस भ्रष्टाचार में ठेकेदार का जितना हाथ होता है उतना सरपंच और सचिव के हाथ में ही उठना होता है
ठेकेदार कौन….
ठेकेदार वह व्यक्ति होता है जो सरपंच और सचिव को अपने ने कंट्रोल में रखकर भारी भ्रष्टाचार करता है और लोगों को कम मजदूरी या सरकारी कामकाज की जो पैमाने के अनुसार वेतन देना चाहिए उसे हिसाब से न होकर एक स्थानीय पैमाने के अनुसार उन्हें वेतन देकर सरकारी काम करवाता है और बहुत ही बचत कर एक ऐसा ढांचा खड़ा करता है जो आने वाले साल में वर्षा होने पर बढ़ जाता है भ्रष्टाचार की मूवी यहीं से चालू होती है।
भ्रष्टाचार का खेल….
तोलेगे जैसे ग्रामों में बहुत ही बड़े स्केल पर भ्रष्टाचार का गेम खेल किया जा रहा है इसमें सचिव और सरपंच की बहुत ही बड़ा योगदान होता है यदि चाहे तो सरपंच सबसे उत्तम क्वालिटी वाली तकनीक का उपयोग कर गांव को विकसित कर सकता है लेकिन उसके भ्रष्टाचार के कारण यहां नहीं हो पता ग्राम वासियों का भी खास लेना देना इन भ्रष्टाचारों पर नहीं होता क्योंकि कार्य भी ऐसी जगह होते हैं जहां पर गांव ग्राम वासियों का सारण होकर सरपंच के नजदीकी और उनके ठेकेदार को बहुत लाभ होता है ऐसे का कार्य पर किया जाता है ताकि किसी के ऊपर नजर ना पड़े।।