LATEST NEWS: तालाब में डूबने से नन्हें हाथी शावक की हुई मौत, मामला छाल वन परिक्षेत्र का…पढ़िए खबर।
धरमजयगढ़ मांड प्रवाह:धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल वन परिक्षेत्र के हाटी सर्कल में तालाब में डूबने से एक नन्हे हाथी शावक की मौत हो गई कयास लगाया जा रहा है की हाथियों का बड़ा दल तालाब मे नहाने गया था इसी दरम्यान नन्हे शावक की मौत हो गई। अभी कुछ दिन पहले ही धरमजयगढ़ वन मंडल के बोरो रेंज में एक हाथी शावक की मौत हो गई लगातार हाथियों की हो रही मौत के लिय वन विभाग की लचर कार्य शैली जिम्मेदार है हाथी एवम मानव के बीच लगातार द्वंद जारी है।
धरमजयगढ़ वन मंडल में सैकडो हाथी विचरण कर रहे हैं जिसमें छाल वन परिक्षेत्र में 54 हाथियों की मौजूदगी बताई जा रही है घटना स्थल पर वन विभाग की अधिकारी मौजूद है विभागीय नन्हे शावक के पोस्ट मॉडम के बाद नन्हे शावक के मौत के कारणों का पता लगा रहा है। यहां देखें वीडियो 👇👇
2021 के बाद से छाल रेंज में लगभग आधा दर्जन हाथियों के साथ आधा दर्जन लोगों की भी मौत हो चुकी हैं अवैध कटाई एवं वन भूमि पर अतिक्रमण जोरों पर है जिसके कारण वन भूमि का रकबा घटते जा रहा है यह बात ध्यान देने योग्य है,कि सन 2005 के बाद अभी तक अकेले छाल रेंज में 30 हाथियों का कब्रगाह बन चुका है, वहीं उससे डबल जनहानि हुई है,जिसमे कई महिला पुरुष मौत के आगोश में समा चुके है।
वन विभाग के कर्मचारियों की लचर व्यवस्था से पता चलता है, की यहां कई कर्मचारी कई सालों से मौजूद हैं, जिनका लापरवाही उजागर होने के बाद भी स्थानांतरण न होना समझ से परे है।बहरहाल लगातार हो रही हाथियों की मौत से वन अमला में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं देखना है कि विभाग के अधिकारी वनों के अवैध कटाई एवं अतिक्रमण पर क्या कार्यवाही करते हैं? या फिर वही ढाक के तीन पात वाली पुरानी कहानी दोहराई जाएगी।कहीं बढ़ते हाथीयों की संख्या इंसानों की तबाही का कारण न बन जाए !?
बता दें छाल रेंज में हर साल वृक्षारोपण किए जाते हैं, किन्तु उचित रख रखाव के बिना उनकी सुरक्षा नहीं हो पाती जिसके कारण जंगल घटते जा रहे है वहीं वर्तमान में जन समस्या निवारण शिविर में एक बुद्धिजीवी द्वारा इसको लेकर शिकायत भी की गई है।अब इस शिकायत पर विभाग के आला अधिकारी कितनी गंभीरता दिखाते हैं,और क्या उचित कार्यवाही करते हैं,इसका तो भगवान ही मालिक है!!