बड़ी खबर:हाथी खेदा करने जंगल गए युवक की हुई मौत.. वन विभाग के अधिकारी कर्मचारीयों द्वारा लगातार हाथी से दूर रहने,और बचाव के उपाय की ग्रामीणों को दी जा रही समझाइश…उसके बाद भी आज फिर …पढ़िए खबर।
धरमजयगढ़ मांड प्रवाह न्यूज:- धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत 28 अक्तूबर की शाम एक बड़ी खबर प्रकाश में आई है,जहां हाथी खेदा करने गए एक युवक की हाथी द्वारा एक जनहानि की रिपोर्ट सामने आई है।सूचना पाकर घटना स्थल का पता कर वन अमला मौके पर पहुंच आगे की आवश्यक कार्यवाही में पूरी मुस्तैदी के साथ जुट गए हैं।
मिली जानकारी मुताबिक मृतक का नाम वेदराम पिता बरमसिह जाति कवर साकिन दुलियामुडा उम्र 35 वर्ष लगभग होना बताया जा रहा है।बता दें धरमजयगढ़ रेंज अंतर्गत परिसर कोईलार में आने वाले गांव दुलियामुडा के राजा जंगल में यह घटना घटित हुई है।
वन विभाग के एक कर्मचारी ने बताया रात 9:15 बजे उन्हें, सूचना मिली कि जंगल में वन्य प्राणी द्वारा जनहानि होने की खबर है,जिसके बाद तत्काल विभाग की टीम द्वारा मौके पर पहुंच शव को बरामद कर सिविल अस्पताल मर्चुरी में रखा गया है,जानकारी मुताबिक रात होने के कारण पीएम नहीं हो पाया है,लिहाजा आगे की अन्य कार्यवाही कल सुबह होगी,परिजनों को अंतिम संस्कार हेतु तात्कालिक सहायता विभाग द्वारा नियमानुसार प्रदाय की जाएगी।
बहरहाल आपको बताना चाहेंगे कि जन हानि रोकने हाथी प्रभावित क्षेत्रों में विभाग के अधिकारी कर्मचारीयों द्वारा लगातार लोगों को हाथी के प्रति जागरूक करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जा रहा है कि कुछ शरारती तत्व शराब के नशे में हाथियों को ख़ेदा करने उन्हें दौड़ने,छेड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं,अभी हाल ही में ग्रामीण क्षेत्र के कुछ शरारती युवकों द्वारा हाथी के एक झुंड को पत्थर से मारकर भागते दौड़ते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था,जबकि वन विभाग द्वारा लगातार रोजाना समझाइश दी जा रही है,की हाथी से दूर रहें,बचाव के लिए बाकायदा गाइड लाइन जारी की जा रही है।शाम रात के समय आवागमन के लिए वन मार्ग का प्रयोग नहीं करने की सलाह दी जा रही है।इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में लोग विभाग द्वारा जारी गाइड लाइन को नहीं मानकर अपनी जान स्वयं जोखिम में डाल रहे हैं।मानव हाथी द्वंद को कम करने में सभी के सहयोग की नितांत आवश्यकता है,जब तक लोग इस विषय पर गंभीरता नहीं दिखाएंगे, जागरूक नहीं होंगे,तो हाथी और मानव के बीच संघर्ष कम नहीं हो पाएगा।ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए लोगों में जागरूकता होने बहुत जरूरी है।