हाथी और मानव द्वंद्व को रोकने के लिए व्यापक जागरूकता की जरूरत है, सामूहिक प्रयास से पर्यावरण की रक्षा हो सकेगा-आनंद कुमार गुप्त
MAAND PRAVAH.COM…
अंबिकापुर छत्तीसगढ़ –पिछले 18 सालों से छत्तीसगढ़ के विभिन्न वनमंडलों में हाथियों से जन सुरक्षा के उपाय, वन एवं वन्य प्राणियों की रक्षा करें, वनों को आग न लगाएं,वन्य प्राणियों का शिकार ना करें । इत्यादि विषयों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता करने वाले नुक्कड़ के नायक आनंद कुमार गुप्त ने आज विश्व हाथी दिवस के अवसर पर कहा है कि हाथी और मानव द्वंद्व को रोकने के लिए व्यापक जागरूकता की जरूरत है।
पिछले 24 सालों में छत्तीसगढ़ प्रदेश में यह द्वंद्व चल रहा है और इस बीच लगभग 600 से ज्यादा मानव और 200 से ज्यादा हाथी इस द्वंद्व में मारे जा चुके हैं । शासन का प्रयास लगातार चल रहा है, वन विभाग नए-नए तरीके से लगभग 18 परियोजनाओं में कई करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है, लेकिन इसका कुछ है विशेष लाभ नहीं मिल पाया है । लगातार हाथियों और मानव के बीच द्वंद चल रहा है जो की बहुत ही विचारणीय है ।
श्री आनन्द ने यह भी बताया कि नुक्कड़ नाटक, कला जत्था के माध्यम से प्रचार – प्रसार जागरूकता का एक सार्थक उपाय है और इस कार्य को लगातार किया जाना चाहिए।पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ शासन का वन विभाग कुछ ठीक से काम नहीं कर पा रही है, इससे गंभीरता से करने की जरूरत है ।
सर्व विदित हो कि आनंद कुमार गुप्त के नेतृत्व में मदारी आर्ट्स के कलाकारों के द्वारा सरगुजा, बलरामपुर , सूरजपुर , कोरिया, धर्मजयगढ़, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर, कटघोरा सहित विभिन्न वन मंडलों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से इस बात का संदेश दिया जाता रहा है कि हमें हाथी को अपना साथी मानना है, और उनके साथ जीने का प्रयास करना है।
लेकिन वनों के अंधाधुंध कटाई के कारण हाथी अपने भोजन के लिए गांव में प्रवेश कर रहे हैं और हाथी और मानव का द्वंद हो रहा है , इसलिए आज सिर्फ सरकार के भरोसे न रहकर समाज के लोग भी सामने आए , और एक सामूहिक प्रयास किया जाए कि हम वनों की कटाई ना करें और पर्यावरण की रक्षा करें। जिससे हाथी और मानव द्वंद रुक सके ।