Latest News

फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने का आरोप, रायगढ़ जिले में भी सेवा दे चुके अधिकारी

दिव्यांग सेवा संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 21 अधिकारियों के नाम किए सार्वजनिक, संघ ने सरकार से कार्रवाई नहीं करने पर दी है आंदोलन की चेतावनी

रायगढ़, 25 जुलाई। पुणे की आईएएस पूजा खेडक़र के मामले ने सिविल सेवा सिलेक्ट होने के लिए फर्जी प्रमाण पत्रों की सहायता लेने का मामला उजागर किया है। कई लोग अब इस मामले में नए आरोप लगा रहे हैं। छग में दिव्यांग सेवा संघ ने 21 अधिकारियों की सूची सार्वजनिक करते हुए आरोप लगाया है कि ये सभी फर्जी सर्टिफिकेट से नौकरी कर रहे हैं। इसमें एक तो रायगढ़ में पदस्थ हैं और एक पूर्व में पदस्थ रहे।


यह बेहद गंभीर मामला है क्योंकि सरकारी सेवा में आने के लिए सरकार को ही धोखा देने का आरोप लगा है। बुधवार को छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंंस कर आरोप लगाया है कि प्रदेश में फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनाकर 21 लोग नौकरी कर रहे हैं। दिव्यांग संघ के प्रदेश अध्यक्ष बोहित राम चन्द्राकर के मुताबिक पीएससी में फर्जी सर्टिफिकेट प्रस्तुत कर 7 लोग डिप्टी कलेक्टर, 3 नायब तहसीलदार, 3 लेखा अधिकारी, 3 पशु चिकित्सक, 2 सहकारिता निरीक्षक पदों पर चुने गए। अब भी ये 21 लोग फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र लगाकर सरकारी नौकरी भी कर रहे हैं और प्रमोशन भी पा रहे हैं।संघ ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसका सरगना गुलाब सिंह राजपूत ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी लोरमी, डॉ. एमके राय नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ मुंगेली और डॉ. प्रमोद महाजन वर्तमान संयुक्त संचालक स्वास्थ्य संभाग बिलासपुर है। इनकी वजह से ही फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए कई गिरोह सक्रिय हैं। 50 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक में फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। वास्तविक दिव्यांग को पैसा देकर खुद की जगह पेश कर दिया जाता है। जिसके चलते डॉक्टर प्रमाण पत्र जारी देते हैं।ऐसे लोगों के कारण सरकारी नौकरी में वास्तविक दिव्यांग वंचित रह जाते हैं। पहले छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने 200 लोगों के खिलाफ शिकायत की थी। तीन का परीक्षण हुआ तो तीनों ही दिव्यांग फर्जी साबित हुए। जिन 21 नामों की सूची संघ ने जारी की है इसमें से एक रेखा चंद्रा रायगढ़ में पदस्थ हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। डिप्टी कलेक्टर वर्तमान में प्रमोटेड नंद कुमार चौबे का नाम भी इसमें शामिल है। चौबे रायगढ़ में तहसीलदार और धर्मजयगढ़ ,सारंगढ़ एसडीएम रह चुके हैं।

जांजगीर-चांपा और मुंगेली में बनते हैं फर्जी सर्टिफिकेट
इस मामले में सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। इतने बड़े आपराधिक मामले में एफआईआर दर्ज कर गिरोह को जेल की सलाखों के पीछे डालने के बजाय चुप्पी साधी जाती रही है। अब भी यही किया जा रहा है। जबकि जांजगीर-चांपा और मुंगेली में सबसे ज्यादा फर्जी सर्टिफिकेट बनते हैं। मुंगेली के लोरमी में 6-7 गांवों में ही 200 से ज्यादा श्रवण बाधित फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। दिव्यांग सेवा संघ ने 15 दिनों में मांग पूरी नहीं होने पर 21 अगसत से आंदोलन की चेतावनी दी है।

है।

इन अधिकारियों की दी है सूची
रेखा चंद्रा डिप्टी कलेक्टर, आकांक्षा पांडे डिप्टी कलेक्टर, संजय कुमार मरकाम डिप्टी कलेक्टर, अभिषेक तिवारी डिप्टी कलेक्टर, प्रितेश सिंह राजपूत डिप्टी कलेक्टर, नंदकुमार चौबे डिप्टी कलेक्टर, राजेंद्र कुमार कौशिक डिप्टी कलेक्टर, राकेश कुमार पटेल लेखा अधिकारी, उमा सिन्हा लेखा अधिकारी, अरविंद कुमार देवांगन लेखा अधिकारी, श्वेता देवी पांडे परियोजना अधिकारी, दीप्ति जायसवाल नायब तहसीलदार, लोकचंद साहू नायब तहसीलदार, प्रभा कश्यप नायब तहसीलदार, मोनिका साहू सहायक अधीनस्थ लेखा सेवा अधिकारी, राजकुमार पटेल सहकारिता निरीक्षक, देवव्रत भार्गव सहकारिता निरीक्षक, डॉ. राजकुमार जायसवाल पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, डॉ. डाकेश सोनी पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, डॉ. योगेश कुमार नायक पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ।

Aslam Khan

मेरा नाम असलम खान है, मैं MaandPravah.com का संपादक हूँ। इस पोर्टल पर आप छत्तीसगढ़ सहित देश विदेश की ख़बरों को पढ़ सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button