

🔥युवा कांग्रेस नेता तारेन्द्र डनसेना ने पेड़ कटाई, विस्थापन और जन आंदोलनों पर सांसद राधेश्याम राठिया की निष्क्रियता को बताया चिंताजनक…
रायगढ़:माननीय सांसद श्री राधेश्याम राठिया जी,आप डबल इंजन की सरकार के सशक्त प्रतिनिधि हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। परंतु जनप्रतिनिधित्व की भूमिका सत्ता के आनंद में नहीं, जनता की पीड़ा के समाधान में निहित होती है।आपकी प्रेस विज्ञप्ति में तमनार क्षेत्र में पेड़ों की कटाई और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा प्रभावित ग्रामीणों से मुलाक़ात का ज़िक्र करते हुए जिस प्रकार से सस्ती राजनीतिक बयानबाज़ी की गई है, वह अपेक्षित मर्यादा और गंभीरता से कोसों दूर है।

आपने कांग्रेस सरकार के समय की जनसुनवाई, एनवायरनमेंट क्लीयरेंस, फॉरेस्ट क्लीयरेंस जैसे विषयों पर तत्काल प्रतिक्रिया दी-इसके लिए रायगढ़ की जनता आपके “तत्पर” व्यवहार को जरूर याद रखेगी। किंतु जनता जानना चाहती है कि क्या आज जब वे आंदोलन कर रहे हैं, तो आप उनके साथ खड़े हैं या नहीं?
युवा कांग्रेस नेता तारेन्द्र डनसेना ने किया सांसद से जवाब की मांग उन्होंने कहा –
स्पष्ट उत्तर चाहिए:
-क्या तमनार में पेड़ कटाई के विरोध में उठ रही ग्रामीण आवाज़ को आपने संसद या सरकार के किसी मंच पर उठाया है?
-जब खरसिया के बर्रा गाँव में कोल खदान के विरुद्ध जनता खड़ी है, तो आपने क्या किया है? क्या आप भविष्य में कोल खदान खोलने का समर्थन करेंगे या नहीं?
-आपके गृह क्षेत्र में बारूद फैक्ट्री के विरुद्ध हुए आंदोलन में आपकी क्या भूमिका रही? क्या आपने उस फैक्ट्री के विरुद्ध किसी स्तर पर विरोध दर्ज कराया?
-रायगढ़ में हुई तोड़फोड़ और दमनकारी घटनाओं के विरुद्ध आपका सार्वजनिक रुख क्या रहा? क्या आपने अपने “इंजन” में से किसी से उस पर रोक लगाने की अपील की?
एक और प्रश्न: यदि कांग्रेस सरकार ने पहले सिफारिशें भेजीं, तो क्या उस समय रायगढ़ की तत्कालीन सांसद ने कोई विरोध नहीं किया?
क्या वह सिफारिश केंद्र की कांग्रेस सरकार को भेजी गई थी? और अगर आज सिफारिशें पूरी होने जा रही हैं, तो आपकी सरकार क्यों मौन है?
जनता का दर्द सस्ती राजनीति का विषय नहीं है।
सांसद महोदय, जनप्रतिनिधि का धर्म होता है कि वह न केवल बीते काल का लेखा-जोखा दे, बल्कि वर्तमान संकटों में जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहे।
यदि आप सिर्फ विपक्ष को कोसने तक सीमित रहेंगे, और जनता की पीड़ा से मुँह फेरेंगे, तो याद रखिए-जनता सब देख रही है।
क्या आप रायगढ़ के ग्रामीणों की समस्याओं पर उनके साथ खड़े हैं-
हाँ या नहीं?
बाक़ी बातें बाद में भी हो सकती हैं।
