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लैलूंगा सड़क भ्रष्टाचार की कहानी,,,सड़क की मरम्मत के लिए ठेकेदार द्वारा उपयोग की जा रही सामग्री और तकनीक बेहद घटिया है, जिससे मरम्मत एक दिन भी नहीं टिक पा रही।पढ़िए पूरी खबर।

लैलूंगा मांड प्रवाह :- सड़क, जो भारी मशक्कत के बाद कुछ साल पहले ही बनाई गई थी, इस साल की बारिश में पूरी तरह उखड़ गई। सड़क की मरम्मत के लिए ठेकेदार द्वारा उपयोग की जा रही सामग्री और तकनीक बेहद घटिया है, जिससे मरम्मत सिर्फ एक दिन भी नहीं टिक पाती। गड्ढों को भरने के नाम पर बड़े-बड़े गिट्टे डाले जा रहे हैं, जो सड़क को और भी खतरनाक बना रहे हैं।

लगातार बढ़ रहे हादसे:

बीते दिन दो बाइक सवार इसी खराब सड़क पर गड्ढों की वजह से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, यह काम बिना किसी प्रशिक्षित इंजीनियर की देखरेख में किया जा रहा है, और इसे बेहद लापरवाही से अंजाम दिया जा रहा है।

लैलूंगा के लोगों का मानना है कि जिस तरह से सड़क का निर्माण और मरम्मत हो रही है, उससे उन्हें संदेह है कि इसमें लगे इंजीनियर की शिक्षा और योग्यता पर सवाल उठाए जा सकते हैं। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम करने पर मजबूर हो जाएंगे।

वर्जन : PWD के सब-इंजीनियर धर्मेंद्र त्रिपाठी का बयान:हमारे पत्रकार राकेश जायसवाल ने पीडब्ल्यूडी के सब-इंजीनियर धर्मेंद्र त्रिपाठी से बात की, जिन्होंने मरम्मत कार्य पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है, “अगर WMM (वेट मिक्स मैकेडम) का काम हुआ है, तो वह मैंने कराया है, लेकिन बाकी का कोई काम अगर हुआ है, तो उससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने दो दिन पहले WMM और गिट्टे डालने की बात भी स्वीकार की।

हमारे संवाददाता और अधिकारी के बीच बातचीत:

संवाददाता: सर, जो गिट्टे आपने डलवाए थे, वह सब सड़क से बाहर फेंके जा रहे हैं।
अधिकारी: हां, वह गिट्टा बार-बार फेंका जाएगा और फिर से भरा जाएगा।
संवाददाता: सर, इससे तो हादसों की संख्या बढ़ जाएगी।
अधिकारी: तो आप ही बताओ, और क्या कर सकते हैं? जो साहब लोग ने कहा है, उसी अनुसार काम किया जा रहा है। इस समय बारिश में कोई दूसरा विकल्प नहीं है। बड़े गड्ढों में WMM डाला जा रहा है। बारिश के बाद अगर काम का टेंडर हुआ, तो हम उचित मरम्मत करेंगे। फिलहाल, हमारे विभाग द्वारा बिना टेंडर के अस्थायी तौर पर मरम्मत की जा रही है।

जनता का आक्रोश और अधिकारियों की प्रतिक्रिया:

लैलूंगा की जनता इस अस्थायी और अनियमित मरम्मत से परेशान है, क्योंकि गड्ढों की स्थिति जस की तस बनी हुई है और दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। अधिकारी भी इस पर असमर्थता जाहिर कर रहे हैं कि बारिश के मौसम में स्थायी समाधान संभव नहीं है।

Aslam Khan

मेरा नाम असलम खान है, मैं MaandPravah.com का संपादक हूँ। इस पोर्टल पर आप छत्तीसगढ़ सहित देश विदेश की ख़बरों को पढ़ सकते हैं।

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