:बड़ी खबर :धरमजयगढ़ ब्लॉक में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल… विशेष पिछड़ी जनजाति पण्डो समुदाय के बच्चों के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार… छोटे से सामुदायिक भवन में असुविधाओं के बीच संचालित हो रहा प्रायमरी स्कूल..।पालक,शिक्षक और विद्यार्थी हो रहे परेशान…शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बने उदासीन….पढ़िए खबर..।
धरमजयगढ़ मांड प्रवाह न्यूज:सरकार बच्चों को सरकारी स्कूलों की ओर लाने के लिए हर माह कोई न कोई योजना लाती है। इन मायनो में मिड-डे मील और सरस्वती साइकिल योजना से शिक्षा का ग्राफ बढ़ा भी है। लेकिन इसके बावजूद रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विकासखंड में बच्चे सरकारी स्कूल से मुंह मोड़ रहे हैं। इसके कई कारण हैं ,जैसे सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी और अपना भवन नहीं होने से स्कूलों में जाने से बच्चे और अभिभावक कतराते हैं।
यहां पदस्थ शिक्षकों का कहना है कि स्कूल भवन निर्माण का कार्य कछुआ चाल में तीन वर्षों से चल रहा है, जो आज तक पूरा नहीं हो सका है.वर्तमान में संबंधित विभाग की लापरवाही के कारण निर्माण कार्य बंद पड़ा है,हालत ये है कि मजबूरन शिक्षकों को सामुदायिक भवन में कक्षा संचालित करना पड़ रहा है.यहां न तो शौचालय की व्यवस्था है,और न ही पेयजल की समुचित व्यवस्था,ऐसे में बच्चों और शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं उक्त भवन में मात्र एक छोटा सा हॉल और एक संकरा बरामदा है जिसमें पहली से लेकर पांचवीं तक के बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जा रहा है, जिससे ना तो बच्चों को पढ़ाई में रुचि है ,और ना ही अभिभावक स्कूल अपने बच्चों को स्कूल भेजने में दिलचस्पी दिखा रहे है।इसके अलावा कक्षाएं दो ही शिक्षकों के भरोसे चल रहा है जिससे यहां पढ़ाई की गुणवत्ता का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।।
विभागीय अधिकारी नहीं लेते कोई सुध…👇👇
एक तरह जहां तीन सालों से चल रहे इस सिलसिले की तरफ विकासखंड अधिकारी का कोई ध्यान नहीं है वहीं शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण छात्रों का भविष्य अंधेरे में है.यहां का विजिट करने जब हमारी टीम पहुंची तो क्लास में पढ़ने के बजाय सभी बच्चे मध्यान भोजन के पश्चात गांव के गलियों में खेलते मिले न तो शिक्षक बच्चों की जिम्मेदारी समझ रहे है और ना ही विभाग के अधिकारी यहां दौरा करना मुनासिब समझते है ऐसे में राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था धर्मजयगढ़ विकासखंड में दम तोड़ता दिख रहा है।।