नगर पंचायत द्वारा नोटिस जारी करने बाद भी नियम कायदे को जेब में रखकर धरमजयगढ़ बस स्टैंड में धड़ल्ले से हो रहा अवैध कब्जा….प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौन?
धरमजयगढ़ मांड प्रवाह न्यूज:- नगर के हृदय स्थल बस स्टैण्ड में हो रहे अतिक्रमण को लेकर नगर पंचायत की सक्रियता अब चर्चा का विषय बन गई है। बस स्टैण्ड के दुकान नं. 13 और 14 के बीच की भूमि पर अवैध रूप से चल रहे निर्माण कार्य ने स्थानीय प्रशासन और दुकानदारों के बीच खींचतान पैदा कर दी है। जहाँ एक ओर यह अवैध निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है, वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत द्वारा बार-बार चेतावनी और नोटिस जारी किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद निर्माण कार्य रुकने का नाम नहीं ले रहा। अब तक नगर पंचायत की कार्यवाही का असर न दिखने से आम जनता में रोष फैलता जा रहा है, जबकि नगर पंचायत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकल्प लिया है।
धरमजयगढ़ के बस स्टैण्ड पर हो रहे अवैध निर्माण का मामला तब सामने आया जब नगर पंचायत को दुकानदारों की ओर से शिकायतें मिलने लगीं। शिकायतों में बताया गया कि बस स्टैण्ड के दुकान नं. 13 और 14 के बीच की जमीन पर बिना अनुमति निर्माण किया जा रहा है, जो कि नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 187 (1) और 223 का उल्लंघन है। इसी संबंध में नगर पंचायत धरमजयगढ़ द्वारा बनारसी गुप्ता, पिता लालजी गुप्ता, निवासी धरमजयगढ़ को पहले भी नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि अवैध निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाए और स्वयं ही अतिक्रमण हटा लिया जाए, लेकिन निर्माण कार्य बिना किसी अवरोध के जारी रहा।
[ हालांकि अवैध निर्माण के संदर्भ में नगर पंचायत द्वारा दूसरी बार नोटिस जारी किया गया, जिसमें 24 घंटे के भीतर अवैध निर्माण कार्य बंद करने और नगर पंचायत कार्यालय को सूचित करने का निर्देश दिया गया। इस नोटिस के साथ ही स्पष्ट किया गया कि यदि इस निर्देश का पालन नहीं किया गया, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण भी किया गया, जिसमें तहसीलदार, नगर पंचायत की अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद, लोक निर्माण विभाग के लिपिक, सफाई प्रभारी, राजस्व प्रभारी और उप अभियंता उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान यह पुष्टि हुई कि बस स्टैण्ड पर स्थित दुकान नं. 13 और 14 के बीच की भूमि पर अवैध दीवार का निर्माण किया जा रहा है, जो नगर पालिका अधिनियम 1961 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। इस अवैध निर्माण को तत्काल रोकने का निर्देश देते हुए नगर पंचायत ने यह भी कहा कि यदि निर्माण कार्य बंद नहीं किया गया, तो प्रशासन द्वारा दी गई समय सीमा समाप्त होने पर नगर पालिका अधिनियम की धारा 187 (1) और 223 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
इस संदर्भ में, नगर पंचायत ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध निर्माण के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई में होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान की पूरी जिम्मेदारी निर्माणकर्ता की होगी। अवैध निर्माण को हटाने और स्थल को खाली कराने की प्रक्रिया में आने वाला खर्च भी संबंधित व्यक्ति से वसूला जाएगा।
लेकिन इसके बावजूद, अवैध निर्माण का कार्य दिन-रात जारी रहने से यह सवाल उठ रहा है कि नगर पंचायत की कार्यवाही में विलंब क्यों हो रहा है। स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों का कहना है कि अवैध निर्माण रात में तेजी से किया जा रहा है ताकि प्रशासन की नज़र से बचा जा सके। इस तरह की गतिविधियों से नगर पंचायत की साख पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि जब नगर पंचायत को अवैध निर्माण की जानकारी है, तो फिर अवैध कार्य रात में क्यों जारी है,वहीं इस पर स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि मौन क्यों हैं ?
नगर पंचायत के नाक के नीचे हो रहे इस अतिक्रमण को लेकर कड़े कदम उठाने की जरूरत है। नगर पंचायत द्वारा दी गई चेतावनियों और निर्देशों के बावजूद यदि अवैध निर्माण जारी रहता है, तो यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। स्थानीय लोग अब इस मुद्दे पर जल्द और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि बस स्टैण्ड पर हो रहे अतिक्रमण को रोका जा सके और नगर की योजना और संरचना का पालन सुनिश्चित हो सके।
[ अवैध अतिक्रमण और निर्माण कार्यों को रोकने के लिए प्रशासन के पास कड़े प्रावधान हैं, जिनका पालन कराए जाने की जरूरत है। नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 187 (1) और 223 जैसे प्रावधान प्रशासन को यह अधिकार देते हैं कि वह सार्वजनिक या नगरपालिका की भूमि पर किए जा रहे अवैध निर्माण को रोकने और हटाने के लिए आवश्यक कदम उठा सके। इस प्रकार की कार्यवाही से प्रशासन को भी अपनी साख बचाने का अवसर मिलता है और भविष्य में इस प्रकार के अवैध निर्माण को हतोत्साहित करने का संदेश जाता है।
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात स्पष्ट हो रही है कि धरमजयगढ़ बस स्टैण्ड पर हो रहे अवैध निर्माण के मुद्दे को अब हल्के में नहीं लिया जा सकता। नगर पंचायत को जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने होंगे ताकि शहर के नियोजित विकास और कानून के शासन को बनाए रखा जा सके।
स्थानीय नागरिक भी अब नगर पंचायत से अपेक्षा कर रहे हैं कि अवैध निर्माण के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई हो और इस मामले का निपटारा किया जाए।
कानूनी प्रावधानों और प्रशासनिक कार्यवाही की अपेक्षाओं के बीच, यह मामला इस समय धरमजयगढ़ में प्रमुख चर्चा का विषय बना हुआ है।।