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धरमजयगढ़ वन मंडल में वन्य जीव के प्रबंधन संरक्षण एवं हाथियों से सुरक्षा विषय पर क्षमता विकास प्रशिक्षण हुआ संपन्न!

धरमजयगढ़: फरवरी को काष्ठागार डिपो धरमजयगढ़ में जंगली हाथी एवं अन्य वन्य जीव के प्रबंधन,उनके संरक्षण एवं हाथियों से सुरक्षा के उपाय आदि विषयों पर क्षमता विकास प्रशिक्षण व वन्यजीव संवेदनशीलता,वनों को आग से बचाने उपाय,संकल्प पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया।कार्यशाला में वन परिक्षेत्र धरमजयगढ़ और छाल परिक्षेत्र के सरपंच,कोटवार,वन प्रबंधन समिति अध्यक्ष,हाथी ट्रेकर,हाथी मित्र दल,पत्रकार साथी,विद्युत विभाग के कर्मचारी,तहसीलदार धरमजयगढ़,वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा प्रशिक्षक के रूप में प्रभात दुबे,मंसूर खान मौजूद रहे।कार्यशाला में हाथी का प्राकृतिक इतिहास,उसका व्यवहार,नर मादा हाथी की पहचान,मानव व हाथी द्वंद को कम करने के उपाय आदि पर प्रोजेक्टर से प्रेजेंटेशन एवं वन विभाग द्वारा बनाए गए एक फिल्म के माध्यम से किस तरह हाथी को अपना साथी मानकर उनके साथ सहजीविता दिखाते हुए हाथी और मानव के बीच द्वंद को कम किया जा सकता है,इस पर चर्चा हुआ।साथ ही हाथी और वन्यजीवों की सुरक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है,इस पर विशेष बल दिया गया।
तहसीलदार भोज राम डहरिया ने बताया की अतिक्रमण कैसे हाथी के रहवास के विनाश का कारण बन रहा है।बिजली विभाग द्वारा अवैध करेंट फंदा से जंगली जानवरों तथा इंसानों की मृत्यु हो रही है,इस पर प्रकाश डाला गया और ऐसा नहीं करने कहा गया,साथ ही बिजली अधिनियम 2003 के तहत सजा प्रावधानों के बारे में बताया गया।


प्रशिक्षक मंसूर खान ने छोटे छोटे तरीके से कैसे हाथी से बचा जा सके,इस पर चर्चा किया गया।वहीं गणेश राम बेहरा उप सरपंच गेरसा ने एक जनप्रतिनिधि के बतौर जंगल में अवैध शिकार को रोकने कैसे वन विभाग की सहायता कर सकते हैं,इस विषय पर कार्यशाला में उपस्थित सरपंचों को प्रेरित किया।कार्यक्रम में उपस्थित उमा शंकर जांगड़े वन प्रबंधन समितिअध्यक्ष कांसाबहार ने बताया कि वन विभाग के साथ मिलकर हम इस हाथी मानव द्वंद की समस्या को कम कर सकते हैं।स्थानीय पत्रकार सजल मधु,असलम खान,गुरुचरण राजपूत,विवेक पांडे ने भी हाथियों की मृत्यु एवं जनहानि को रोकने हेतु वन विभाग का साथ देने अपील किया।सरपंच नागदरहा ने बताया की ग्राम सभा की बैठक में जंगल के आग और अवैध शिकार के बारे में चर्चा करेंगे ऐसा संकल्प लिया।समाजसेवी केंदाराम बिरहोर खलबोरा द्वारा बताया गया की जंगल की नुकसानी हम खुद कर रहें हैं,इस पर हम सबको सोचने की जरूरत है।वन विभाग के टीपी डनसेना ,सुखदेव राठिया डिप्टी रेंजर द्वय ने उपस्थित लोगों से जंगल में आग न लगाने साथ ही अवैध शिकार को रोकने हेतु वन विभाग को आवश्यक सहायता के लिए अपील किया।


उप वनमण्डलाधिकारी धरमजयगढ़ पर्यावरण प्रेमी बालगोविंद साहू ने भी अपने स्तर से अलग अलग तरीकों से कार्यशाला में मौजूद लोगों को वन्यप्राणियो के प्रति संवेदनशील होने की बात कही।कार्यक्रम के अंत में एम एल सीदार उप वनमण्डलाधिकारी लैलूंगा द्वारा कार्यशाला में आए हुए समस्त लोगों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यशाला की समाप्ति की गई।।

Aslam Khan

मेरा नाम असलम खान है, मैं MaandPravah.com का संपादक हूँ। इस पोर्टल पर आप छत्तीसगढ़ सहित देश विदेश की ख़बरों को पढ़ सकते हैं।

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