
केंद्र प्रतिनियुक्ति से लौटे मुकेश बंसल को बनाया गया वित्त सचिव, ओपी चौधरी भी उसी बैच के थे आईएएस
रायगढ़, 8 मार्च। समय का खेल निराला है। उसकी एक करवट से सब कुछ बदल जाता है। कभी किसी ने नहीं सोचा होगा कि एक साथ यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईएएस बने दो साथी आज फिर से अलग-अलग भूमिकाओं में छग को आगे बढ़ाएंगे। ओपी चौधरी वित्त मंत्री और मुकेश बंसल वित्त सचिव के रूप में कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रहे हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर नई दिल्ली गए आईएएस मुकेश बंसल वापस छग लौट आए हैं। शुक्रवार को उनकी पदस्थापना का आदेश जारी हुआ। उनको सचिव वित्त विभाग पदस्थ करते हुए सचिव-सामान्य प्रशासन विभाग, सचिव वाणिज्यिक कर (आबकारी एवं पंजीयन छोड़कर) तथा अध्यक्ष पेंशन निराकरण समिति का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।वित्त मंत्री ओपी चौधरी के मंत्रालय में आईएएस मुकेश बंसल की तैनाती से नई उम्मीदें जागी हैं। दोनों ने भी नहीं सोचा होगा कि कभी ऐसी भूमिका में भी साथ काम करेंगे। दोनों 2005 बैच के आईएएस हैं। दोनों को छग कैडर मिला। प्रशासनिक व्यवस्था में दोनों के बीच दोस्ती हुई। मुकेश बंसल 2013 में रायगढ़ कलेक्टर रहे। दोनों अलग-अलग जिलों में कलेक्टर के रूप में काम कर रहे थे। इसके बाद ओपी चौधरी नेनौकरशाही को छोड़कर छग की सेवा के लिए राजनीति की राह पकड़ ली। कड़ी मेहनत के बाद 2023 के विस चुनाव में रायगढ़ विस सीट से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वे छग सरकार में वित्त मंत्री बनाए गए। उधर मुकेश बंसल ने भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का रास्ता चुना। सरकार बदलते ही उन्होंने छग वापसी कर ली। सरकार ने उनको ओपी के मंत्रालय में ही सचिव की पावरफुल पोजिशन दी है। दोनों आईएएस के रूप में काम करते हुए आज फिर से अलग भूमिकाओं में एकसाथ काम करेंगे।
अफसरों की पोस्टिंग पर रहेगी नजर
मुकेश बंसल को सामान्य प्रशासन विभाग सचिव का अतिरिक्त प्रभार मिला है। कहा जा रहा है कि प्रदेश में अफसरों की पोस्टिंग प्रक्रिया सवालों के घेरे में थी। वरिष्ठता की अनदेखी कर पोस्टिंग हो रही थी। इससे अफसरशाही का ताना-बाना भी बिखर गया था। अब मुकेश बंसल की पैनी नजर इस पर रहेगी। वे तेज तर्रार आईएएस माने जाते हैं। जीएसटी पर भी उनका नियंत्रण रहेगा। आने वाले समय में वाणिज्यिक कर विभाग की कई बड़ी कार्रवाई देखी जा सकती है।